शनिवार को रामनवमी के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने महिला सम्मान और सशक्तीकरण का संदेश देते हुए एक बड़ी मिसाल पेश की. काशी विश्वनाथ मंदिर ने चैत नवरात्रि के अंतिम दिन अलग-अलग क्षेत्र की 9 महिलाओं को मुख्य याजक के रूप में आमंत्रित कर नवमी यज्ञ संपन्न कराया. देश में अभी भी कई जगहों पर महिलाओं को पूजा-पाठ में मुख्य याजक के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है. लेकिन काशी विश्वनाथ मंदिर ने इस धारणा को तोड़ते हुए एक बड़ी मिसाल पेश की है.
सनातन धर्म में स्त्री आराधना की परंपरा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास प्रबंधन ने कहा कि विश्व के समस्त धार्मिक विचारों में मात्र सनातन धर्म में ही स्त्री आराधना की परंपरा है. धार्मिक विचारों में नारी शक्ति के पूज्य होने के इसी सनातन विश्वास के आदर में यह आयोजन किया गया.

चैत्र नवरात्रि का समापन नवमी यज्ञ से होता है. जिसके लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिनिधि 9 मातृ शक्ति को मुख्य याजक के रूप में आमंत्रित किया गया था.
विश्व के समस्त धार्मिक विचारों में मात्र सनातन धर्म में ही स्त्री आराधना की परंपरा है। धार्मिक विचारों में नारी शक्ति के पूज्य होने के इसी सनातन विश्वास के समादर में आज चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिनिधि 9 मातृ… pic.twitter.com/Qf3F2a5pWA
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) April 6, 2025
महिला सम्मान का संदेश समाज में जाएगा
दोपहर 12 बजे अयोध्या धाम में संपन्न हुए श्रीराम के सूर्यतिलक कार्यक्रम का सजीव प्रसारण मंदिर चौक में स्थापित LED पर किया गया. उसके बाद आमंत्रित मातृ शक्ति योजकों द्वारा यज्ञ संपन्न हुआ. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास प्रबंधन ने कहा कि हमें भरोसा है कि इस पहल से महिला सम्मान एवं सशक्तीकरण का सशक्त संदेश समाज में जाएगा.
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