कर्नाटक सरकार ने अपने विभागों एवं सार्वजनिक इकाइयों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ सभी कारोबारी लेनदेन खत्म करने का अपना आदेश शुक्रवार को 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सार्वजनिक क्षेत्र के दोनों बैंकों की तरफ से किए गए अनुरोध पर गौर करने के लिए इस फैसले को स्थगित करने का निर्णय लिया.
इसके पहले राज्य सरकार ने 12 अगस्त को जारी एक परिपत्र में एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी तरह का सरकारी लेनदेन बंद करने का आदेश अपने सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और विश्वविद्यालयों को दिया था.
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘बैंकों के अनुरोधों पर विचार करने के बाद माननीय मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अधिकारियों को परिपत्र 15 दिन के लिए स्थगित रखने का निर्देश दिया है.''
इसके मुताबिक, पिछले परिपत्र को स्थगित रखने से ‘‘बैंकों को संबंधित मुद्दों को संबोधित करने और सरकार की चिंताएं दूर करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.''
बयान के मुताबिक, सरकार अपने सभी लेन-देन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा, ‘‘हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करेंगे.''
राज्य सरकार ने कहा कि लोक लेखा समिति की टिप्पणियों और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में शामिल निष्कर्षों के आधार पर 12 अगस्त को परिपत्र जारी किया गया था. उसमें सभी विभागों को अपनी जमा राशि वापस लेने और एसबीआई और पीएनबी की सभी शाखाओं में आगे जमा राशि प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया था.
बयान के मुताबिक, यह कार्रवाई बैंक शाखाओं में कथित धोखाधड़ी के जवाब में की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) और कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा की गई सावधि जमा राशि का पुनर्भुगतान नहीं किया गया.
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