देश में चाय उद्योग का लगातार विस्तार हो रहा है. मुश्किल दौर से गुजरने के बाद, यह उद्योग पटरी पर लौटा है. साल 2024 में चाय निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड 25.467 करोड़ किलोग्राम पर पहुंच गया और भारत विश्व में इसका तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक रहा. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के लघु चाय उत्पादक संघ के सचिव विजय गोपाल चक्रवर्ती ने चाय उद्योग में भारत के बढ़ते कद की तारीफ की. उन्होंने बताया कि चाय उद्योग के क्षेत्र में पिछले साल 2024 में बहुत अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो उससे पहले के दो-तीन साल में देखने को नहीं मिली थी. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में भारत ने रिकॉर्ड 25.467 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया, जो पिछले दशक में सबसे ज्यादा है. इतने अधिक निर्यात से 7,111 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, यानी औसत कीमत 280 रुपये प्रति किलोग्राम रही. वहीं, 2023 में 23.169 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था, जिसकी औसत कीमत 265.91 रुपये प्रति किलोग्राम थी."
चक्रवर्ती ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय चाय समिति की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार- श्रीलंका को पछाड़कर भारत अब वैश्विक चाय निर्यात में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. भारत अब केवल चीन और केन्या से पीछे है.
नए साझेदार के बारे में उन्होंने बताया, "रूस हमारे चाय का पारंपरिक साझेदार था, लेकिन भारतीय चाय के लिए विश्व में नए दरवाजे खुल गए हैं. भारत के चाय निर्यात का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, ईरान, इराक, सऊदी अरब, चीन, जर्मनी और तुर्की जैसे देशों को जाता है. यह हैरानी वाली बात है कि तुर्की में हर एक आदमी साल में छह किलोग्राम तक चाय पीता है. तुर्की का बाजार भी हमारे लिए नया है."
चाय उद्योग को लेकर भविष्य के लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा, "हम लोगों ने चाय उद्योग में एक बड़ा लक्ष्य रखा है। हम 2030 तक पूरे विश्व में 30 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात करना चाहते हैं. देश में कुल 140 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है, जिसमें 110 करोड़ किलोग्राम की बिक्री घरेलू बाजार में होतीहै। देश में चाय उद्योग को लेकर जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वह बहुत ही उत्साहजनक है. भविष्य में इसमें और वृद्धि देखने को मिलेगी."
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