दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने दिल्ली जल बोर्ड के एक वाटर टैंकर ड्राइवर को एक शख्स से 50 हजार रुपये लेते गिरफ्तार किया. इस मामले में जूनियर इंजीनियर की भूमिका पर भी जांच की जा रही है. पुलिस के अनुसार, एक शिकायकर्ता ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड के ऑफिस में 2022 से टैंकर की सप्लाई कर रहा था. इस कारण उसका बिल 30 लाख रुपये हो गए. जब बिल की मांग की तो क्लियर करवाने के नाम पर इंजीनियर घूस मांग रहा था.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, एक शख्स ने एसीबी से शिकायत की कि वो 2022 से मंडावली के दिल्ली बोर्ड ऑफिस में टैंकर की सप्लाई कर रहा है. 2 साल में बिल 30 लाख रुपये हो गए. जब शिकायतकर्ता पैसे मांगने जूनियर इंजीनियर के पास आया तो उसने कहा कि उसका बिल क्लीयर हो जाएगा, बदले में कुछ पैसे चाहिए.
इस मामले पर एंटी करप्शन ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने बताया, शिकायतकर्ता ने एसीबी आकर शिकायत दर्ज कराई कि वो 2022 से मंडावली के दिल्ली बोर्ड के ऑफिस में टैंकर की सप्लाई कर रहा है और उसका बिल करीब 30 लाख हो गया है. जब वह जूनियर इंजीनियर से अपने पेंडिंग बिल लेने गया तो उसे दिल्ली जल बोर्ड के एक वाटर टैंकर ड्राइवर निरंजन से मिलने के लिए कहा गया. जब शिकायतकर्ता ड्राइवर से मिला तो उसने बताया की बिल क्लियर हो जाएगा लेकिन उसने कुल अमाउंट का 10 प्रतिशत देना पड़ेगा. इस तरह से शिकायकर्ता का 14 लाख रुपए का बिल क्लियर किया गया और उससे 1.4 लाख रुपए लिए गए.
इसके बाद शिकायतकर्ता को फिर बुलाया गया. इस बार एसीबी की टीम गई और ड्राइवर निरंजन को 50 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया. निरंजन ने बताया कि वो जूनियर इंजीनियर संदीप शेखर के कहने पर पैसे के रहा था, एसीबी जेई की भूमिका की जांच कर रही है.
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