न्यायालय ने 23 साल पुराने मामले में सुरजेवाला के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट के अमल पर रोक लगाई - Travel & Tech

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, November 9, 2023

न्यायालय ने 23 साल पुराने मामले में सुरजेवाला के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट के अमल पर रोक लगाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को राहत प्रदान करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के 23 साल पुराने एक आपराधिक मामले में वाराणसी की सांसद/विधायक अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के अमल पर रोक लगा दी. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम ने बुधवार को राज्यसभा सदस्य सुरजेवाला के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर उन्हें 21 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया था.

सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पूर्वाह्न प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने अपराह्न सुनवाई को लेकर सहमति जता दी.

सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामला वर्ष 2000 का है और सुरजेवाला के खिलाफ समन 22 साल बाद पिछले वर्ष अगस्त में जारी किया गया था. उन्होंने दलील दी कि चूंकि अदालत ने उन्हें आवश्यक दस्तावेजों की सुपाठ्य प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई है, इसलिए कांग्रेस नेता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया और अदालत ने 30 अक्टूबर, 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

सीआरपीसी की धारा 482 उच्च न्यायालय को अदालत की प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने या न्याय के उद्देश्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने की शक्ति प्रदान करती है. सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के बावजूद सुरजेवाला के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. उन्होंने कहा कि एनबीडब्ल्यू उस वक्त जारी किया गया, जब सुरजेवाला मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त थे.

इसके बाद, शीर्ष अदालत ने सुरजेवाला को पांच सप्ताह के भीतर एनबीडब्ल्यू रद्द कराने के लिए विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) वाराणसी की अदालत से संपर्क करने को कहा. पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को एनबीडब्ल्यू निरस्त कराने के लिए एक अर्जी दायर करने की छूट दी गई है. इस बीच पांच सप्ताह तक की अवधि के लिए वारंट निष्पादित नहीं किया जाएगा.''

यह मामला वर्ष 2000 का है जब सुरजेवाला भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. वाराणसी में महिला कैदियों के संरक्षण गृह से संबंधित संवासिनी घोटाले में कांग्रेस नेताओं को कथित रूप से गलत फंसाने के विरोध में हंगामा करने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस नेता ने अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, पथराव किया और लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन से रोका.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/HMh9b0u

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages